हिंदी साहित्य सभा विकल्प के तहत इस वर्ष दो कार्यक्रम आयोजित किए गए।
तीन अक्टूबर २४ को आयोजित परिचर्चा में छत्तीसगढ़ के साहित्यकार राहुल
कुमार सिंह आमंत्रित किए गए जिन्होंने साहित्य लोक संस्कृति और इतिहास के
परस्पर सूत्रों पर अपना वक्तव्य दिया। इस बातचीत के सूत्रधार हमारे विभाग
के प्राध्यापक साहित्यकार डॉ प्रभात रंजन रहे। कार्यक्रम में हिंदी विभाग के
अतिरिक्त अन्य विभाग के छात्र और प्राध्यापक भी शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त नौ फरवरी २४ को सेमिनार कक्ष में एक अन्य वार्ता आयोजित
की गई। इसमें हिंदी के दो प्रतिष्ठित लेखकों श्री अनुराग वत्स और विजयश्री
तनवीर को आमंत्रित किया गया। साहित्य, लेखन की प्रक्रिया और हिंदी के
साहित्यिक परिवेश पर हुई इस बातचीत को साहित्यकार से संवाद श्रृंखला के
तहत आयोजित किया गया।
इसका मकसद छात्रों को साहित्यिकों से रू ब रू कराना और उनकी साहित्य
विषयक जिज्ञासाओं को संबोधित और उत्तरित होने का अवसर देना है।
इसके अतिरिक्त नौ फरवरी २४ को सेमिनार कक्ष में एक अन्य वार्ता आयोजित
की गई। इसमें हिंदी के दो प्रतिष्ठित लेखकों श्री अनुराग वत्स और विजयश्री
तनवीर को आमंत्रित किया गया। साहित्य, लेखन की प्रक्रिया और हिंदी के
साहित्यिक परिवेश पर हुई इस बातचीत को साहित्यकार से संवाद श्रृंखला के
तहत आयोजित किया गया।
इसका मकसद छात्रों को साहित्यिकों से रू ब रू कराना और उनकी साहित्य
विषयक जिज्ञासाओं को संबोधित और उत्तरित होने का अवसर देना है।
रिपोर्ट
डॉ नीलिमा चौहान